Ledgers/ Accounts:जनल एंट्रीज करने से पहले हम लेजर बनान होता है | लेजर एक तरह के अकाउंट होता है, जिनकी मदद से हम वाउचर एंट्रीज करते है | उदाहरण के लिए Sahayog Traders a/c, Bank A/c आदि.
Goups:ग्रूप एक हि तरह के लेजर्स का संग्रह होता है | हम एक ही तरक लेजर्स का कंपनी पर प्रभाव देखन के लिए इन ग्रूप को बनात है | उदाहरण के लिए सभी सेल्स लेजर को Sales account ग्रूप में लेत है |
Predefined Groups of Accounts : Tally.ERP 9 में पहले से ही 28 पूर्व निधारित ग्रूप होता है| जिसम से 15 मुख्य या प्राथमिक ग्रूप और 13 सब-ग्रूप होता है |
Create Accounts/Ledger : लेजर बनाने के लिए - Getway of Tally---------Accounts ------- Create Info. ---Leadger --SingleLedger----
लेजर कि इस विंडो में निचे के हेडस है -
Name:यहाँ पार्टी का / लेजर का नाम दर्ज करे।
Alia: अगर आप उपनाम / नाम देना चाहते है तो यहाँ दे|
Under: यह लेजर जिस ग्रूप के नीचे आता आता है उसको सिलेक्ट करे|
Inventory Values are Affected:अगर आप invantri मेन्टेन करे रह है और इस लेजर के ट्रांजेक्शन invanri पर असर करग तो यहाँ Yes दे|
Address: का पता दर्ज करे|
State:लिस्ट स्टेट्स को सिलेक्ट करे|
Pin Code: पिन कोड दर्ज करे|
Opening balance: अगर कोइ ओपनिंग बैलेंस है तो यहाँ दर्ज करे| यहाँ अकाउंट ग्रुप और उनके संभव लेजर की लिस्ट है –
लेजर स्क्रीन में निम्नलिखित आप्शन उपलब्ध है -
Display – यहाँ बनाए लेजर की लिस्ट दिखती है |
Alter – यहाँ से आप लेजर में बदल करे सकते है |
Delete ledger – आप Alter स्क्रीन पर Alt+D कि प्रेस करके कोई भी लेजर डीलीट कर सकते है |
Create Multiple Ladgers:अगर आप जल्दी से एक ही ग्रूप में कई लेजर बनाना चाहते है तो यह आप्शन चुने
Under group: जो ग्रूप के निचे यह लेज़र बनाना है वह ग्रूप सिलेक्ट करे|
Create New Group:
Group: एक ही नचेर के लेजर्स का कलशन को ग्रुप कहा जाता है | टैली में पहले से ही कइ ग्रूप बने होते है, लेकिन अगर आपको खुद का कोई ग्रूप बनाना है तो -
Getway of Tally ----Account Info.----- Groups------Single Group----- Create
यहाँ निचे की जानकारी को भरे –
1) Name: ग्रूप का नाम यहाँ एंटर करे|
2) Alias: रेफरेन्से के लिए अगर आप अलग नाम चाहते है तो यहाँ दे|
3) Under: टैली में पहले से ही डीफाइन ग्रूप में से काई भी पैरेंट ग्रूप को सिलेक्ट करे|
4) Group behaves like a Sub-Ledger: अगर आपने यहाँ Yes सिलेक्ट किया तो यह यह ग्रूप लेजर के लिए कंट्रोल अकाउंट कि तरह काम करगा| यानी सिफ ग्रूप का बैलेंस दिखेगा नाकि लेजर के हिसाब से|
5) Nett Debit/Credit Balances for Reporting: अगर आपने यहाँ Yes सिलेक्ट किया तो Trial Balance में अलग डिबट और क्रेडिट बैलेंस कि जगह इस ग्रूप की नट अमाउंट दिखेगी|
6) Used for calculation: अगर आप इस ग्रूप के एकाउंटिंग करते समय ड्यूटी और टास्क को लागू करना चाहते है तो यहाँ Yes सेक्लेक्ट करे|
Alter Group: ग्रूप तयार करने के बाद अगर आपको इसमें बदलाव करना है तो Single and Multiple Groups से After को सिलेक्ट करे|
Delete Group:किसी ग्रूप को डीलीट करने के लिए Alt + D प्रेस करे| लेकिन ग्रूप को डीलीट करने से पहले इसके सभी लेजर्स को डीलीट करना होगा|
Exercise:1 अब निचे दिए गय लेजर बनाए| इसकी वाउचर एंट्री आप चैप्टर न. 5 के एक्सरसाइज 2 में देखेंगे|
Goups:ग्रूप एक हि तरह के लेजर्स का संग्रह होता है | हम एक ही तरक लेजर्स का कंपनी पर प्रभाव देखन के लिए इन ग्रूप को बनात है | उदाहरण के लिए सभी सेल्स लेजर को Sales account ग्रूप में लेत है |
Predefined Groups of Accounts : Tally.ERP 9 में पहले से ही 28 पूर्व निधारित ग्रूप होता है| जिसम से 15 मुख्य या प्राथमिक ग्रूप और 13 सब-ग्रूप होता है |
Create Accounts/Ledger : लेजर बनाने के लिए - Getway of Tally---------Accounts ------- Create Info. ---Leadger --SingleLedger----
लेजर कि इस विंडो में निचे के हेडस है -
Name:यहाँ पार्टी का / लेजर का नाम दर्ज करे।
Alia: अगर आप उपनाम / नाम देना चाहते है तो यहाँ दे|
Under: यह लेजर जिस ग्रूप के नीचे आता आता है उसको सिलेक्ट करे|
Inventory Values are Affected:अगर आप invantri मेन्टेन करे रह है और इस लेजर के ट्रांजेक्शन invanri पर असर करग तो यहाँ Yes दे|
Address: का पता दर्ज करे|
State:लिस्ट स्टेट्स को सिलेक्ट करे|
Pin Code: पिन कोड दर्ज करे|
Opening balance: अगर कोइ ओपनिंग बैलेंस है तो यहाँ दर्ज करे| यहाँ अकाउंट ग्रुप और उनके संभव लेजर की लिस्ट है –
S.N. | Particulars | Details |
1 | Bank Accounts (Do not take banks from which we take loan) | For Saving & Current Accounts |
2 | Bank OCC(Overdreft and Cash Credit) & Bank OD A/c | Accounts of Bank Overdreft in any |
3 | Branch/Division | Accounts of any branch or division of business |
4 | Capital Account | Accounts for Capital |
5 | Cash-in-Hand | For Cash A/c, Petty Cash |
6 | Current Assets | For Assets A/c which are of Short Period or regurlarly fluctuating value like Bills Receivable, |
7 | Current Liabilities | liabilities which are of short period likes Bills Payable. |
8 | Deposite Assets | For Fixed Deposite in Bank or any Bonds |
9 | Direct Expenses & Expenses ( Direct ) | Expenses which effets directly on Production or Gross Profit like Factory Rent, Wages etc. |
10 | Direct Incomes & Income (Direct ) | Incomes which affets directly on Production or on Gross Profit |
11 | Duties & Taxes | For A/c like VAT, Excise duty, Sales Tax, Income Tax come under this group. |
12 | Expenses Indirect & Indirect (Expenses ) | Expenses under administration come under this group like Advetisement, Salaries etc. |
13 | Income Indirect & Indirect (Income ) | Incomes like Commission received, Rent received |
14 | Fixed Assets | For the assets which are of long period come under this group like Machinary, Building etc. |
15 | Investment | For investment in Shares, Bonds, Long term Bank Deposite etc. |
16 | Loans (Liability ) | For the long term loan taken form others |
17 | Misc. Expenses (Assets) | For the Assets which are before start company |
18 | Provision | For the Provision of Future expenses like Income Tax, Depreciation |
19 | Purchase A/c | For the accounts of Purchase & Purchase ruturn |
20 | Sales A/c | For the accounts of Sales & Sales Return |
21 | Reserves & Surplus / Retained Earning | For the accounts of Reserves like General Reserve |
22 | Stock - in - hand | For Closing Stock |
23 | Sundry Creditor | From whom purchased goods on Credit |
24 | Sundry Debtor | To whom sold goods on Credit. |
25 | Suspense A/c | For the Accounts whous group we can't decied |
26 | Secured Loans | For long term and short term loan whic is taken against security of some assets |
27 | Unsecured Loans | For loans obtained without any security. |
लेजर स्क्रीन में निम्नलिखित आप्शन उपलब्ध है -
Display – यहाँ बनाए लेजर की लिस्ट दिखती है |
Alter – यहाँ से आप लेजर में बदल करे सकते है |
Delete ledger – आप Alter स्क्रीन पर Alt+D कि प्रेस करके कोई भी लेजर डीलीट कर सकते है |
Create Multiple Ladgers:अगर आप जल्दी से एक ही ग्रूप में कई लेजर बनाना चाहते है तो यह आप्शन चुने
Under group: जो ग्रूप के निचे यह लेज़र बनाना है वह ग्रूप सिलेक्ट करे|
Create New Group:
Group: एक ही नचेर के लेजर्स का कलशन को ग्रुप कहा जाता है | टैली में पहले से ही कइ ग्रूप बने होते है, लेकिन अगर आपको खुद का कोई ग्रूप बनाना है तो -
Getway of Tally ----Account Info.----- Groups------Single Group----- Create
यहाँ निचे की जानकारी को भरे –
1) Name: ग्रूप का नाम यहाँ एंटर करे|
2) Alias: रेफरेन्से के लिए अगर आप अलग नाम चाहते है तो यहाँ दे|
3) Under: टैली में पहले से ही डीफाइन ग्रूप में से काई भी पैरेंट ग्रूप को सिलेक्ट करे|
4) Group behaves like a Sub-Ledger: अगर आपने यहाँ Yes सिलेक्ट किया तो यह यह ग्रूप लेजर के लिए कंट्रोल अकाउंट कि तरह काम करगा| यानी सिफ ग्रूप का बैलेंस दिखेगा नाकि लेजर के हिसाब से|
5) Nett Debit/Credit Balances for Reporting: अगर आपने यहाँ Yes सिलेक्ट किया तो Trial Balance में अलग डिबट और क्रेडिट बैलेंस कि जगह इस ग्रूप की नट अमाउंट दिखेगी|
6) Used for calculation: अगर आप इस ग्रूप के एकाउंटिंग करते समय ड्यूटी और टास्क को लागू करना चाहते है तो यहाँ Yes सेक्लेक्ट करे|
Alter Group: ग्रूप तयार करने के बाद अगर आपको इसमें बदलाव करना है तो Single and Multiple Groups से After को सिलेक्ट करे|
Delete Group:किसी ग्रूप को डीलीट करने के लिए Alt + D प्रेस करे| लेकिन ग्रूप को डीलीट करने से पहले इसके सभी लेजर्स को डीलीट करना होगा|
Exercise:1 अब निचे दिए गय लेजर बनाए| इसकी वाउचर एंट्री आप चैप्टर न. 5 के एक्सरसाइज 2 में देखेंगे|
Sr. No. | Ledger | Group |
1 | Capital A/c | Capital Account |
2 | Vehical A/c | Fixed Assets |
3 | Furniture A/c | Fixed Assets |
4 | Bank of India | Bank Account |
5 | Purchase A/c | Purchase A/c |
6 | Sales A/c | Sales A/c |
7 | Sujit A/c | Sundry Debtors |
8 | Telephone Bill A/c | Indirect Expenses |
9 | Commission Rec. A/c | Indirect Income |
10 | Himanshu Sales | Sundry Creditors |
11 | Purchase Return A/c | Purchase A/c |
12 | Salary A/c | Indirect Income |
13 | Janta Bank A/c | Loans (Liability) |
14 | Advertisement Exe. A/c | Indirect Expenses |
15 | Office Rent A/c | Indirect Expenses |
16 | Dhiraj A/c | Sundry Debtor |
17 | Sales Return A/c | Sales Account |
18 | Electricity Bill A/c | Indirect Expenses |
19 | Vehical Depreciation A/c | Depriciation |
20 | Furniture Depreciation A/c | Depriciation |
21 | Bills Receivable A/c | Current Assets |
22 | Kishor A/c | Sundry Creditor |
23 | Bills Payable A/c | Current Liability |
24 | Mandar A/c | Sundry Debtor |
25 | Sum Microsystem A/c | Sundry Debtor |
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