वे सभी राशियाँ जिन्हें हम एक संख्या द्वारा व्यक्त कर सकते हैं तथा प्रत्यक्ष रूप से माप सकते हैं | उन्हें हम भौतिक राशियाँ कहते हैं |
जैसे- लम्बाई, द्रव्यमान, ताप, चाल, बल, समय आदि |
एसआई प्रणालीको १९६० में GGPM-Conférence générale des poids et mesures (General Conference on Weights and Measures) सम्मेलन में मान्यता प्रदान की गयी। इस परिषद में ७ मुलभुत राशियां, २ पूरक राशियां और १९व्युत्पन्न राशियां उनके विशिष्ट नामों के साथ स्वीकृत की गयी। अंतर्राष्ट्रीय मापन कार्यालय पेरिस के पास सेवेरस में है।
भौतिक राशियों का वर्गीकरण
मूल राशियाँ (Fundamental Quantities)
पूरक राशियाँ (Supplementary Quantities)
तलीय कोण (Plane Angle) तथा घन कोण (Solid Angle) पूरक राशियाँ है तथा इनके मात्रक क्रमशः रेडियन तथा स्टेरेडियन है |
व्युत्पन्न राशियाँ
वे राशियाँ जो मूल राशियों के पदों में व्यक्त की जाती हैं, व्युत्पन्न राशियाँ कहलाती हैं | क्षेत्रफल, आयतन, दाब, चाल, घनत्व आदि | व्युत्पन्न राशियों को व्यक्त किए जाने वाले मात्रक को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं |
अदिश एवं सदिश राशियाँ (Scalar and Vector Quantities)
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती हैं-
०१. अदिश राशि
०२. सदिश राशि
अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)
जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण (Magnitude) की आवश्यकता होती है दिशा की नहीं, उन्हें अदिश राशि कहते हैं |
जैसे:- लम्बाई, दूरी, समय, क्षेत्रफल, द्रव्यमान, आयतन, चाल, घनत्व, दाब, कार्य, ऊर्जा, आवेश, आवृत्ति, विशिष्ट ऊष्मा, शक्ति, कोण, ताप, विद्युत धारा, विद्युत विभव आदि अदिश राशियाँ हैं |
चलिए अदिश राशि को एक उदहारण द्वारा समझने का प्रयास करते हैं-
यदि हम आपसे कहें कि आपके घर से स्कूल 2km की दूरी पर है |
आप ध्यान दें तो आप पायेंगे कि इसमें दिशा की कोई बात नहीं की गयी अर्थात् स्कूल घर से 2km दूरी पर है लेकिन किस दिशा में है, ये बात अज्ञात है, अतः हम दूरी के अदिश कहेंगे |
सदिश राशियाँ (Vector Quantities)
जिन भौतिक राशियों को पूर्णतया व्यक्त करने के लिए परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है, उन राशियों को सदिश राशियाँ कहते हैं |
जैसे- विस्थापन, वेग, बल, त्वरण, संवेग, बल-आघूर्ण, आवेग, भार, विद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय बल-क्षेत्र, कोणीय वेग आदि सदिश राशियाँ हैं |
चलिए सदिश राशि को समझने के लिए एक उदहारण लेते हैं- यदि हम आप से कहें कि इस दरवाजे को बंद करने के लिए 2 न्यूटन का बल लगाइए |
आप ध्यान देंगे तो पायेंगे कि यह कथन अपूर्ण है | इसके लिए हमें आपको कहना चाहिए था कि इस दरवाजे को बन्द करने के लिए 20 न्यूटन का बल अन्दर की ओर लगाओ | अतः बल के लिए हमें परिमाण (20 न्यूटन) तथा दिशा (अन्दर की ओर) दोनों की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए हम निश्चित रूप से कह सकते हैं, कि बल सदिश राशि है |
मात्रक
किसीभी दो बिन्दुओ के बीच के अंतर को लंबाई कहा जाता है। लंबाई का MKS प्रणाली में मात्रक मीटर है।
आंतरराष्ट्रिय वजन और मापन संघटन के संग्रहालय में रक्खी हुयी ९०% प्लैटिनम और १०% इरेडियम इस मिश्र धातु से बानी हुयी सलिया के लंबाई को को ई मीटर कहा जाता है। इसे २७३.१६ K और १ बार दाब के वातावरण में रक्खा गया है।
प्रकाशन अंतरिक्षमें १ / २९९७९२४५८ सेकण्डमें पार किये हुए अंतर को १ मीटर कहा जाता है।
लंबाई का बड़े प्रमाणवाला मात्रक प्रकाशवर्ष है। १ प्रकाशवर्ष = 9.46 X 1012 km
लंबाईकी बड़े प्रमाणवाली मात्रके मायक्रोमीटर्स एव मायक्रॉन (um), ऍगस्ट्रॉम (A), नॅनोमीटर (mn), फेम्टोमीटर (fm) हैं.
विभिन्न शास्त्रो में अंतर के लिए इस्तेमाल की जानेवाली मात्रके
जैसे- लम्बाई, द्रव्यमान, ताप, चाल, बल, समय आदि |
वह प्रक्रिया जिसमें हम यह पता करते हैं कि कोई दी हुई राशि किसी मानक राशि का कितने गुना हैं, मापन कहलाता है | हम कह सकते हैं कि किसी भौतिक राशि का मान ज्ञात करने के लिए किसी मानक से तुलना करना ही मापन है |
किसी भौतिक राशि के एक नियत परिमाण को मानक (Standard) मान लिया जाता है तथा इस पर परिणाम का संख्यात्मक मान 1 माना जाता है | इस मानक के नाम को उस राशि का मात्रक कहते हैं.
मापन प्रणाली
MKS प्रणाली - मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड। इसे मीट्रिक प्रणाली कहा जाता है।
किसी भौतिक राशि के एक नियत परिमाण को मानक (Standard) मान लिया जाता है तथा इस पर परिणाम का संख्यात्मक मान 1 माना जाता है | इस मानक के नाम को उस राशि का मात्रक कहते हैं.
मापन प्रणाली
MKS प्रणाली - मीटर, किलोग्राम, सैकण्ड। इसे मीट्रिक प्रणाली कहा जाता है।
CGS प्रणाली - सेंटीमीटर, ग्राम, सेकंड।
FPS प्रणाली - फीट, पाउंड, सेकंड। इसे ब्रिटिश प्रणाली भी कहा जाता है।
एसआई प्रणाली (सिस्टम इंटरनेशनल) - MKS प्रणाली के अंतर्राष्ट्रीय मान्यताके साथ स्वीकार की गयी प्रणाली।
एसआई प्रणालीको १९६० में GGPM-Conférence générale des poids et mesures (General Conference on Weights and Measures) सम्मेलन में मान्यता प्रदान की गयी। इस परिषद में ७ मुलभुत राशियां, २ पूरक राशियां और १९व्युत्पन्न राशियां उनके विशिष्ट नामों के साथ स्वीकृत की गयी। अंतर्राष्ट्रीय मापन कार्यालय पेरिस के पास सेवेरस में है।
भौतिक राशियों का वर्गीकरण
मूल राशियाँ (Fundamental Quantities)
वे भौतिक राशियाँ जो एक दूसरे पर निर्भर नही#2368;ं करती हैं | मूल राशियाँ कहलाती हैं तथा इनके मात्रक मूल मात्र कहलाते हैं | जैसा कि निम्न टेबल में सात मूल राशियोंकी SI यूनिट प्रदर्शित है-
मूल राशियाँ | मूल मात्रक (Fundamental Quantities) | संक्षिप्तियाँ (Fundamental units) |
---|---|---|
लम्बाई | मीटर | m |
द्रव्यमान | किलोग्राम | kg |
समय | सेकण्ड | s |
विद्युत धारा | एम्पियर | A |
ताप | कैल्विन | K |
ज्योति तीव्रता | केंडिला | cd |
पदार्थ की मात्रा | मोल | mol |
पूरक राशियाँ (Supplementary Quantities)
तलीय कोण (Plane Angle) तथा घन कोण (Solid Angle) पूरक राशियाँ है तथा इनके मात्रक क्रमशः रेडियन तथा स्टेरेडियन है |
व्युत्पन्न राशियाँ
वे राशियाँ जो मूल राशियों के पदों में व्यक्त की जाती हैं, व्युत्पन्न राशियाँ कहलाती हैं | क्षेत्रफल, आयतन, दाब, चाल, घनत्व आदि | व्युत्पन्न राशियों को व्यक्त किए जाने वाले मात्रक को व्युत्पन्न मात्रक कहते हैं |
अदिश एवं सदिश राशियाँ (Scalar and Vector Quantities)
भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती हैं-
०१. अदिश राशि
०२. सदिश राशि
अदिश राशियाँ (Scalar Quantities)
जिन भौतिक राशियों को व्यक्त करने के लिए केवल परिमाण (Magnitude) की आवश्यकता होती है दिशा की नहीं, उन्हें अदिश राशि कहते हैं |
जैसे:- लम्बाई, दूरी, समय, क्षेत्रफल, द्रव्यमान, आयतन, चाल, घनत्व, दाब, कार्य, ऊर्जा, आवेश, आवृत्ति, विशिष्ट ऊष्मा, शक्ति, कोण, ताप, विद्युत धारा, विद्युत विभव आदि अदिश राशियाँ हैं |
चलिए अदिश राशि को एक उदहारण द्वारा समझने का प्रयास करते हैं-
यदि हम आपसे कहें कि आपके घर से स्कूल 2km की दूरी पर है |
आप ध्यान दें तो आप पायेंगे कि इसमें दिशा की कोई बात नहीं की गयी अर्थात् स्कूल घर से 2km दूरी पर है लेकिन किस दिशा में है, ये बात अज्ञात है, अतः हम दूरी के अदिश कहेंगे |
सदिश राशियाँ (Vector Quantities)
जिन भौतिक राशियों को पूर्णतया व्यक्त करने के लिए परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है, उन राशियों को सदिश राशियाँ कहते हैं |
जैसे- विस्थापन, वेग, बल, त्वरण, संवेग, बल-आघूर्ण, आवेग, भार, विद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय बल-क्षेत्र, कोणीय वेग आदि सदिश राशियाँ हैं |
चलिए सदिश राशि को समझने के लिए एक उदहारण लेते हैं- यदि हम आप से कहें कि इस दरवाजे को बंद करने के लिए 2 न्यूटन का बल लगाइए |
आप ध्यान देंगे तो पायेंगे कि यह कथन अपूर्ण है | इसके लिए हमें आपको कहना चाहिए था कि इस दरवाजे को बन्द करने के लिए 20 न्यूटन का बल अन्दर की ओर लगाओ | अतः बल के लिए हमें परिमाण (20 न्यूटन) तथा दिशा (अन्दर की ओर) दोनों की आवश्यकता पड़ती है, इसलिए हम निश्चित रूप से कह सकते हैं, कि बल सदिश राशि है |
मात्रक
किसीभी दो बिन्दुओ के बीच के अंतर को लंबाई कहा जाता है। लंबाई का MKS प्रणाली में मात्रक मीटर है।
आंतरराष्ट्रिय वजन और मापन संघटन के संग्रहालय में रक्खी हुयी ९०% प्लैटिनम और १०% इरेडियम इस मिश्र धातु से बानी हुयी सलिया के लंबाई को को ई मीटर कहा जाता है। इसे २७३.१६ K और १ बार दाब के वातावरण में रक्खा गया है।
प्रकाशन अंतरिक्षमें १ / २९९७९२४५८ सेकण्डमें पार किये हुए अंतर को १ मीटर कहा जाता है।
लंबाई का बड़े प्रमाणवाला मात्रक प्रकाशवर्ष है। १ प्रकाशवर्ष = 9.46 X 1012 km
लंबाईकी बड़े प्रमाणवाली मात्रके मायक्रोमीटर्स एव मायक्रॉन (um), ऍगस्ट्रॉम (A), नॅनोमीटर (mn), फेम्टोमीटर (fm) हैं.
विभिन्न शास्त्रो में अंतर के लिए इस्तेमाल की जानेवाली मात्रके
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