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Golden Rule Of accounting in hindi-alwarsupport


Golden Rules Of Accounting क्या है ?

  1. व्यक्तिगत लेखा(Personal Account)व्यक्ति एवं संस्था से सम्बंधित लेखा को व्यक्तिगत लेखा कहते है । जैसे मोहन का लेख, शंकर वस्त्रालय का लेखा व्यक्तिगत लेखा हुआ ।

    व्यक्तिगत लेखा का नियम (Rule of Personal Account)

    पाने वाले को नाम (Debit The Receiver)
    देने वाले को जमा (Credit The Giver)
    स्पष्टीकरण :जो व्यक्ति कुछ प्राप्त करते हैं उन्हें Receiver कहा जाता है और उन्हें Debit में रखा जाता है । जो व्यक्ति कुछ देते है, उन्हें Giver कहा जाता है और उन्हें Credit में रखा जाता है।
    उदाहरण :मोहन को 1000 रुपया दिया गया, मोहन 1000 रुपया ले रहा है वह Receiver हुआ इसलिए उन्हें Debit में रखा जायेगा ।
    सोहन से 1000 रुपया प्राप्त हुआ । सोहन 1000 रुपया देय रहा है वह Giver हुआ । इसलिए उन्हें Credit किया जायेगा ।
  2. वास्तविक लेखा (Real Account)वस्तु एवं सम्पति से संबंधित लेखा को वास्तविक लेखा कहतें है । जैसे रोकड़ का लेखा, साईकिल का लेखा वास्तविक लेखा हुआ ।

    वास्तविक लेखा का नियम (Rule of Real Account)

    जो आवे उसे नाम (Debit what comes in )
    जो जावे उसे जमा (Credit What goes out)
    स्पष्टीकरण :व्यवसाय में जो वस्तुएँ आती है उसे Debit में रखा जाता है और व्यवसाय से जो वस्तुएँ जाती है उसे Credit में रखा जाता है ।
    उदाहरण :
    मोहन से 1000 रुपये प्राप्त हुआ । एक 1000 रुपया आ रही है इसलिए उसे Debit में रखा जाता है ।
    सोहन के हाथ घड़ी बेची गया । घड़ी जा रहा है इसलिए उसे Credit में रखा जायेगा ।
  3. अवास्तविक लेखा (Nominal Account)खर्च एवं आमदनी से सम्बन्धित लेखा को अवास्तविक लेखा कहा जाता है । जैसे किराया का लेखा, ब्याज का लेखा अवास्तविक लेखा हुआ ।

    अवास्तविक लेखा का नियम (Rule of Nominal Account)

    सभी खर्च एवं हानियों को नाम (Debit all expenses and losses)
    सभी आमदनी एवं लाभों को जमा (Credit all incomes and gains)
    व्यवसाय में जो खर्च होता है उसके नाम को Debit किया जाता है । इसी प्रकार जो आमदनी होता है उसके नाम को Credit किया जाता है ।

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